इंदौर. बाणगंगा अस्पताल और हुकुमचंद पॉली क्लिनिक में दस-दस वार्ड के आई ओटी तैयार होंगे। स्वास्थ्य विभाग ने दोनों प्रोजेक्ट मंजूरी के लिए भोपाल भेजे हैं। असल में शहर में नेत्र रोगों के इलाज के लिए कई निजी अस्पताल खुल गए हैं, लेकिन सरकारी अस्पतालों की तादाद कम है। इसलिए सरकार चाहती है कि सरकारी अस्पतालों में भी नेत्र रोग के इलाज की सुविधा मिले।
अफसरों के मुताबिक बाणगंगा अस्पताल में काफी जमीन खाली है। वहां 21 मीटर गुणा 14 मीटर यानी साढ़े तीन हजार स्क्वेयर फीट जमीन पर 60 लाख की लागत से आई ओटी बनेगा। इसके साथ दस बेड का वार्ड, माइनर ओटी और डॉक्टर-नर्सों के लिए स्टाफ रूम तैयार होंगे। हुकुमचंद पॉली क्लिनिक में फोर्थ फ्लोर पर 11 लाख रुपए की लागत से करीब तीन हजार स्क्वेयर फीट जमीन पर ओटी बनेगा। यहां भी वे सभी सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जो बाणगंगा अस्पताल में होंगी।
बाणगंगा अस्पताल और हुकुमचंद अस्पताल का चयन आई ओटी के लिए हुआ है। दोनों जगह थियेटर और वार्ड तैयार करने के लिए एस्टीमेट तैयार कर भोपाल भेजा है। वहां से मंजूरी मिलते ही टेंडर प्रक्रिया शुरू करेंगे।डीके जैन, एई, स्वास्थ्य विभाग